मैं आवाज़ हूँ
मैं आवाज़ हूँ
बच्चों की
बदमाशी की कहानियों की
उनके बजते खिलौनों की
बड़ों में लुप्त, मासूमियत की
मैं आवाज़ हूँ
परिवार की
माँ के बोलों की
पिता के मूड की
भाई के साथ की
दोस्त के "क्या हाल" की
मैं आवाज़ हूँ
विद्यार्थियों की
शिक्षक से ज़्यादा दोस्तों से पढ़ने वालों की
लोगों से या किताबों से बात करने वालों की
परिणाम से कॉन्फिडेंस लेवल बन ने की
नौकरी मिलते ही मोक्ष प्राप्ति की
मैं आवाज़ हूँ
पैसा कमाने वाले की
नेता के पीछे छुपे शेर की
दिन भर की मेहनत की
नौकरी देने वाले की
इज़्ज़त पाने वाले की
मैं आवाज़ हूँ
कानून की
उसमें लोगों के विश्वास की
उसको तोड़ने वालो की
फिर ताउम्र उस से भागने की
कानून से बचे चोरों की
सिस्टम में फलते-फूलते दीमकों की
आते-जाते घोटालों की
मैं आवाज़ हूँ
धरती की
पेड़ों के कटने की
कूड़े मे वृद्धि की
समुद्री जीवों की
पेट में चुभते प्लास्टिक की
मैं आवाज़ हूँ
कलाकारों की
कैमरा से लुका चिप्पि की
भीड़ को चीरते हुए, उभरने की
दुसरो की कलाकारी से बोरियत की
मैं आवाज़ हूँ
साधु संतों की
ये कविता से परे की
कुए से निकले हुए मेंढक की
त्याग की
इंसान की औकात याद दिलाने की
मैं आवाज़ हूँ
समय की
जीवन की
अंत की
फिर जीवन की
फिर अंत की
ऐसे ही अनंत की
-------------END-----------------
संदेश
अगर मैंने किसी का वक़्त ज़ाया किया है तो मुझे माफ़ कीजियेगा
Comments
Post a Comment